रविवार, 8 जनवरी 2017

ये ज़िन्दगी..

ज़िन्दगी भी अजीब है

जो बीत गया

उसे याद करती है,

आने वाले कल की

फरियाद करती है,

जो आज है

उसे ठुकरा देती है,

और कल फिर

उसके लिए ही मोहताज करती है।

सच में

ये ज़िन्दगी बड़ी अजीब है

मुझे धूल से उठाती है

किसी के आँखों का सरताज करती है

फिर मिला के उसी धूल में

ये ज़िन्दगी

मुझ पर ही राज करती है।

#माही
3/1/17
10:09pm

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